Movie/Album: आवारा (1951)
Music By: जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश
आवारा हूँ या गर्दिश में हूँ
आसमान का तारा हूँ
घर-बार नहीं, संसार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं
उस पार किसी से मिलने का इकरार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं
अनजान नगर सुनसान डगर का प्यारा हूँ
आवारा हूँ...
आबाद नहीं, बर्बाद सही
गाता हूँ खुशी के गीत मगर
ज़ख्मों से भरा सीना है मेरा
हंसती है मगर यह मस्त नज़र
दुनिया मैं तेरे तीर का
या तकदीर का मारा हूँ
आवारा हूँ...
Music By: जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश
आवारा हूँ या गर्दिश में हूँ
आसमान का तारा हूँ
घर-बार नहीं, संसार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं
उस पार किसी से मिलने का इकरार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं
अनजान नगर सुनसान डगर का प्यारा हूँ
आवारा हूँ...
आबाद नहीं, बर्बाद सही
गाता हूँ खुशी के गीत मगर
ज़ख्मों से भरा सीना है मेरा
हंसती है मगर यह मस्त नज़र
दुनिया मैं तेरे तीर का
या तकदीर का मारा हूँ
आवारा हूँ...