सोमवार, 1 नवंबर 2010

बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना

Singer: Mitali Singh

बेवफ़ा यूँ तेरा मुस्कुराना
याद आने के क़ाबिल नहीं है
इस तरह ज़ुल्म ढाएँ हैं तूने
सर उठाने के क़ाबिल नहीं है

मैंने खत लिख के उनको बुलाया
आके क़ासिद ने दुखड़ा सुनाया
उनके पैरों में मेहंदी लगी है
आने जाने के क़ाबिल नहीं है

मैंने फोन करके उनको बुलाया
उनकी मम्मी ने आके उठाया
उनके हाथों में मेहंदी लगी है
फोन उठाने के क़ाबिल नहीं है

मैंने पूछा के कल शब कहाँ थे
पहले शरमाये फिर हँस के बोले
आप वो बात क्यों पूछते हो
जो बताने के क़ाबिल नहीं है