रविवार, 24 अक्तूबर 2010

इक दिया दिल में जलाना भी बुझा भी देना

Singer: Ghulam Ali

इक दिया दिल में जलाना भी बुझा भी देना
याद करना भी उसे रोज़ भुला भी देना

क्या कहूँ यह मेरी चाहत है के नफरत उसकी
नाम लिखना भी मेरा लिख के मिटा भी देना

खत भी लिखना उसे मायूस भी रहना उससे
जुर्म करना भी मगर खुद को सज़ा भी देना

उससे मनसूब भी कर लेना पुराने किस्से
उसके बालों में नया फूल सजा भी देना