Singer: Mohd. Rafi
चिराग़ दिल का जलाओ बहुत अँधेरा है
कहीं से लौट के आओ बहुत अँधेरा है
कहाँ से लाऊँ वो रंगत गई बहारों की
तुम्हारे साथ गई रोशनी नज़ारों की
मुझे भी पास बुलाओ बहुत अँधेरा है
सितारों तुम से अँधेरे कहाँ सम्भलते हैं
उन्हीं के नक़्श-ए-क़दम से चिराग़ जलते हैं
उन्हीं को ढूँढ के लाओ बहुत अँधेरा है