Singers: Mohd. Rafi and Lata Mangeshkar
दिल शाद था के फूल खिलेंगे बहार में
मारा गया ग़रीब इसी एतबार में
मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा मिल गया होता
अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता
न था मंज़ूर क़िस्मत को न थी मर्ज़ी बहारों की
नहीं तो इस गुलिस्ताँ में कमी थी क्या नज़ारों की
मेरी नज़रों को भी कोई नज़ारा मिल गया होता
ख़ुशी से अपनी आँखों को मैं अश्क़ों से भिगो लेता
मेरे बदले तू हँस लेती तेरे बदले मैं रो लेता
मुझे ऐ काश तेरा दर्द सारा मिल गया होता
मिली है चाँदनी जिनको ये उनकी अपनी क़िस्मत है
मुझे अपने मुक़द्दर से फ़क़त इतनी शिकायत है
मुझे टूटा हुआ कोई सितारा मिल गया होता