Singer: Mohd. Rafi
आपके पहलू में आकर रो दिये
दास्तान-ए-ग़म सुनाकर रो दिये
ज़िन्दगी ने कर दिया जब भी उदास
आ गये घबरा के हम मंज़िल के पास
सर झुकाया, सर झुकाकर रो दिये
शाम जब आँसू बहाती आ गई
हर तरफ़ ग़म की उदासी छा गई
दीप यादों के जलाकर रो दिये
ग़म जुदाई का सहा जाता नहीं
आपके बिन अब रहा जाता नहीं
प्यार में क्या-क्या गँवाकर रो दिये