रविवार, 7 नवंबर 2010

जलते हैं जिसके लिये

Singers: Talat Mahmood

जलते हैं जिसके लिये तेरी आँखों के दिये
ढूँढ लाया हूँ वही गीत मैं तेरे लिये

दर्द बनके जो मेरे दिल में रहा ढल ना सका
जादू बनके तेरी आँखों में रुका चल ना सका
आज लाया हूँ वही गीत मैं तेरे लिये

दिल में रख लेना इसे हाथों से ये छूटे न कहीं
गीत नाज़ुक है मेरा शीशे से भी टूटे न कहीं
गुनगुनाऊंगा यही गीत मैं तेरे लिये

जब तलक ना ये तेरे रस के भरे होंठों से मिले
यूँ ही आवारा फिरेगा ये तेरी ज़ुल्फ़ों के तले
गाये जाऊंगा यही गीत मैं तेरे लिये