रविवार, 7 नवंबर 2010

याद में तेरी जाग-जाग के हम

Singer: Mohd. Rafi

याद में तेरी जाग-जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फ़त के
धीमे धीमे चिराग़ जलते हैं

जबसे तूने निगाह फेरी है
दिन है सूना तो रात अंधेरी है
चाँद भी अब नज़र नहीं आता
अब सितारे भी कम निकलते हैं

लुट गयी वो बहार की महफ़िल
छुट गयी हमसे प्यार की मंज़िल
ज़िंदगी की उदास राहों में
तेरी यादों के साथ चलते हैं

तुझको पाकर हमें बहार मिली
तुझसे छुटकर मगर ये बात खुली
बाग़बान भी चमन के फूलों को
अपने पैरों से खुद मसलते हैं

क्या कहें तुझसे क्यूँ हुई दूरी
हम समझते हैं अपनी मजबूरी
तुझको मालूम क्या के तेरे लिये
दिल के ग़म आँसुओं में ढलते हैं