Movie/Album: नौ दो ग्यारह (1957)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
हम हैं राही प्यार के, हमसे कुछ ना बोलिए
जो भी प्यार से मिला, हम उसी के हो लिए
दर्द भी हमें कुबूल, चैन भी हमें कुबूल
हमने हर तरह के फूल, हार में पिरो लिए
जो भी प्यार...
धूप थी नसीब में, धूप में(तो) लिया है दम
चांदनी मिली तो हम, चांदनी में सो लिए
जो भी प्यार...
दिल पे आसरा लिए, हम तो बस यूँ ही जिये
इक कदम पे हंस लिए, इक कदम पे रो लिए
जो भी प्यार...
राह में पड़े हैं हम, कब से आप की क़सम
देखिये तो कम से कम, बोलिए न बोलिए
जो भी प्यार...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
हम हैं राही प्यार के, हमसे कुछ ना बोलिए
जो भी प्यार से मिला, हम उसी के हो लिए
दर्द भी हमें कुबूल, चैन भी हमें कुबूल
हमने हर तरह के फूल, हार में पिरो लिए
जो भी प्यार...
धूप थी नसीब में, धूप में(तो) लिया है दम
चांदनी मिली तो हम, चांदनी में सो लिए
जो भी प्यार...
दिल पे आसरा लिए, हम तो बस यूँ ही जिये
इक कदम पे हंस लिए, इक कदम पे रो लिए
जो भी प्यार...
राह में पड़े हैं हम, कब से आप की क़सम
देखिये तो कम से कम, बोलिए न बोलिए
जो भी प्यार...