गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे - Apni Zulfein Mere Shaanon Pe (Hariharan)

Movie/Album : ताज महल (2005)
Music By : नौशाद अली
Lyrics By : नक्श ल्याल्ल्पुरी, स्येद गुलरेज़
Performed By : हरिहरन

अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे बिखर जाने दो
आज रोको ना मुझे हद से गुज़र जाने दो

तुम जो आये तो बहारों पे शबाब आया है
इन नज़रों पे भी हल्का सा नशा छाया है
अपनी आँखों का नशा और भी बढ़ जाने दो
अपनी ज़ुल्फें...

सुर्ख होठों पे गुलाबों का गुमां होता है
ऐसा मंज़र हो जहाँ होश कहाँ रहता है
ये हसीं होंठ मेरे होठों से मिल जाने दो
अपनी ज़ुल्फें...