Singer: Mohd. Rafi
बूँदें नहीं सितारे टपके हैं कहकशां से
सदके उतर रहे हैं तुम पर ये आस्मां से
मोती के रंग रुत के क़तरे दमक रहे हैं
या रेशमी लटों में जुगनू चमक रहे हैं
आँचल में जैसे बिजली कौंधे यहाँ वहाँ से
सदके उतर रहे हैं तुम पर ये आस्मां से
देखे तो कोई आलम भीगे से पैरहन का
पानी में है ये शोला, या नूर है बदन का
अँगड़ाई ले रहे हैं, अरमां जवां जवां से
सदके उतर रहे हैं तुम पर ये आस्मां से
पहलू में आके मेरे क्या चीज़ लग रही हो
बाहों के दायरे में तस्वीर लग रही हो
हैरान हूँ के तुमको देखूँ कहाँ कहाँ से
सदके उतर रहे हैं तुम पर ये आस्मां से