Singer: Mohd. Rafi
मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
बरबादियों का सोग मनाना फ़िज़ूल था
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया