Movie/Album: देख कबीरा रोया (1957)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजिंदर कृषण
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिये
कौन आया मेरे मन...
आँख न जाने दिल पहचाने
सूरतिया कुछ ऐसी
याद करुँ तो याद न आये
मूरतिया ये कैसी
पागल मनवा सोच में डूबा
सपनों का सनसार (संसार) लिये
कौन आया मेरे मन...
इक पल सोचूँ मेरी आशा
रूप बदल कर आई
दूजे पल फिर ध्यान ये आए
हो न कहीं परछाईं
जो परदेसी के घर आई
एक अनोखा प्यार लिये
कौन आया मेरे मन...
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजिंदर कृषण
Performed By: मन्ना डे
कौन आया मेरे मन के द्वारे
पायल की झनकार लिये
कौन आया मेरे मन...
आँख न जाने दिल पहचाने
सूरतिया कुछ ऐसी
याद करुँ तो याद न आये
मूरतिया ये कैसी
पागल मनवा सोच में डूबा
सपनों का सनसार (संसार) लिये
कौन आया मेरे मन...
इक पल सोचूँ मेरी आशा
रूप बदल कर आई
दूजे पल फिर ध्यान ये आए
हो न कहीं परछाईं
जो परदेसी के घर आई
एक अनोखा प्यार लिये
कौन आया मेरे मन...