Movie/Album: समाधि (1950)
Music By: सी.रामचंद्र
Lyrics By: राजिंदर कृषण
Performed By: सी.रामचंद्र
तेरे लिए तेरे वतन की खाक बेक़रार है
हिमालया की चोटियों को तेरा इंतज़ार है
वतन से दूर है मगर, वतन के गीत गाये जा
कदम-कदम बढ़ाए जा ख़ुशी के गीत गाये जा
ये ज़िन्दगी है कौम की, तू कौम पे लुटाये जा
बड़ा कठिन सफ़र है ये
बड़े कठिन है रास्ते
मगर ये मुश्किलें हैं क्या
सिपाहियों के वास्ते
तू बिजलियों से खेल
आँधियों पे मुस्कुराए जा
कदम-कदम बढ़ाए जा...
बिछड़ रहा है तुझसे तेरा
भाई तो बिछड़ने दे
नसीब कौम का बने
तो अपना घर उजड़ने दे
मिटा के अपना एक घर
हज़ार घर बसाए जा
कदम-कदम बढ़ाए जा...
Music By: सी.रामचंद्र
Lyrics By: राजिंदर कृषण
Performed By: सी.रामचंद्र
तेरे लिए तेरे वतन की खाक बेक़रार है
हिमालया की चोटियों को तेरा इंतज़ार है
वतन से दूर है मगर, वतन के गीत गाये जा
कदम-कदम बढ़ाए जा ख़ुशी के गीत गाये जा
ये ज़िन्दगी है कौम की, तू कौम पे लुटाये जा
बड़ा कठिन सफ़र है ये
बड़े कठिन है रास्ते
मगर ये मुश्किलें हैं क्या
सिपाहियों के वास्ते
तू बिजलियों से खेल
आँधियों पे मुस्कुराए जा
कदम-कदम बढ़ाए जा...
बिछड़ रहा है तुझसे तेरा
भाई तो बिछड़ने दे
नसीब कौम का बने
तो अपना घर उजड़ने दे
मिटा के अपना एक घर
हज़ार घर बसाए जा
कदम-कदम बढ़ाए जा...