Movie/Album: श्री ४२० (1955)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: आशा भोंसले, मन्ना डे
मुड़-मुड़ के न देख, मुड़-मुड़ के
ज़िंदगानी के सफ़र में तू अकेला ही नहीं है
हम भी तेरे हमसफ़र हैं
आये गये मंज़िलों के निशाँ
लहरा के झूमा झुका आसमाँ
लेकिन रुकेगा न ये कारवाँ
मुड़-मुड़ के न देख...
नैनों से नैना जो मिला के देखे
मौसम के साथ मुस्कुरा के देखे
दुनिया उसी की है जो आगे देखे
मुड़-मुड़ के न देख...
दुनिया के साथ जो बदलता जाये
जो इसके साँचे में ही ढलता जाये
दुनिया उसी की है जो चलता जाये
मुड़-मुड़ के न देख...
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: आशा भोंसले, मन्ना डे
मुड़-मुड़ के न देख, मुड़-मुड़ के
ज़िंदगानी के सफ़र में तू अकेला ही नहीं है
हम भी तेरे हमसफ़र हैं
आये गये मंज़िलों के निशाँ
लहरा के झूमा झुका आसमाँ
लेकिन रुकेगा न ये कारवाँ
मुड़-मुड़ के न देख...
नैनों से नैना जो मिला के देखे
मौसम के साथ मुस्कुरा के देखे
दुनिया उसी की है जो आगे देखे
मुड़-मुड़ के न देख...
दुनिया के साथ जो बदलता जाये
जो इसके साँचे में ही ढलता जाये
दुनिया उसी की है जो चलता जाये
मुड़-मुड़ के न देख...