Movie/Album: रंगीले (2012)
Music By: कैलासा, कैलाश खेर, परेश कामथ, नरेश कामथ
Lyrics By: कैलाश खेर
Performed By: कैलाश खेर, परेश कामथ, नरेश कामथ
कोई पर्दा, कोई ओलट
मेरी ही आँखों में मारे है, ताना
जब झिझकी, जब कांपी
होंठों की जोड़ी तो
मैंने, हाँ, मैंने जाना
मैं तो आज़ादी में भी क़ैद हो गयी
मेरे अलबेलिया, तू खेलिया
बदला है शीशा या मैं हो गयी नयी
मेरे अलबेलिया..
मैं जो दुनिया का चेहरा निहारूं, उनको ही पाऊं
पर वो जब भी मेरी ओर देखे, चेहरा छुपाऊं
ख्वाबों में हाँ, मेरे खुदा, रंग भर रहे हैं
उनका जुनूं, और मेरी जां, इक कर रहे हैं
हाय लुटने में कितना मज़ा है, कैसे बताऊँ
देखूं खुद को तो जैसे और है कोई
मेरे अलबेलिया...
झूठी, मैं झूठी ठहरी
तू सही-सही
मेरे अलबेलिया...
Music By: कैलासा, कैलाश खेर, परेश कामथ, नरेश कामथ
Lyrics By: कैलाश खेर
Performed By: कैलाश खेर, परेश कामथ, नरेश कामथ
कोई पर्दा, कोई ओलट
मेरी ही आँखों में मारे है, ताना
जब झिझकी, जब कांपी
होंठों की जोड़ी तो
मैंने, हाँ, मैंने जाना
मैं तो आज़ादी में भी क़ैद हो गयी
मेरे अलबेलिया, तू खेलिया
बदला है शीशा या मैं हो गयी नयी
मेरे अलबेलिया..
मैं जो दुनिया का चेहरा निहारूं, उनको ही पाऊं
पर वो जब भी मेरी ओर देखे, चेहरा छुपाऊं
ख्वाबों में हाँ, मेरे खुदा, रंग भर रहे हैं
उनका जुनूं, और मेरी जां, इक कर रहे हैं
हाय लुटने में कितना मज़ा है, कैसे बताऊँ
देखूं खुद को तो जैसे और है कोई
मेरे अलबेलिया...
झूठी, मैं झूठी ठहरी
तू सही-सही
मेरे अलबेलिया...