Movie/Album: आशिकी (1990)
Music By: नदीम-श्रवण
Lyrics By: समीर
Performed By: कुमार सानु
साँसों की ज़रूरत है जैसे, ज़िन्दगी के लिये
बस एक सनम चाहिये, आशिक़ी के लिये
जाम की ज़रूरत है जैसे, बेखुदी के लिये
हाँ एक सनम चाहिये, आशिक़ी के लिये
बस एक सनम चाहिये, आशिक़ी के लिये
वक़्त के हाथों में, सबकी तक़दीरें हैं
आईना झूठा है, सच्ची तसवीरें हैं
जहाँ दर्द है, वहीं गीत है
जहाँ प्यास है, वहीं मीत है
कोई ना जाने मगर जीने की यही रीत है
साज़ की ज़रूरत है जैसे, मौसिक़ी के लिये
बस एक सनम चाहिये...
मंज़िलें हासिल हैं, फिर भी एक दूरी है
बिना हमराही के, ज़िन्दगी अधूरी है
मिलेगी कहीं, कोई रहगुज़र
तन्हाँ कटेगा, कैसे ये सफ़र
मेरे सपने हो जहाँ
ढून्ढूँ मैं ऐसी नज़र
चांद की ज़रूरत है जैसे, चांदनी के लिये
बस एक सनम चाहिये...
Music By: नदीम-श्रवण
Lyrics By: समीर
Performed By: कुमार सानु
साँसों की ज़रूरत है जैसे, ज़िन्दगी के लिये
बस एक सनम चाहिये, आशिक़ी के लिये
जाम की ज़रूरत है जैसे, बेखुदी के लिये
हाँ एक सनम चाहिये, आशिक़ी के लिये
बस एक सनम चाहिये, आशिक़ी के लिये
वक़्त के हाथों में, सबकी तक़दीरें हैं
आईना झूठा है, सच्ची तसवीरें हैं
जहाँ दर्द है, वहीं गीत है
जहाँ प्यास है, वहीं मीत है
कोई ना जाने मगर जीने की यही रीत है
साज़ की ज़रूरत है जैसे, मौसिक़ी के लिये
बस एक सनम चाहिये...
मंज़िलें हासिल हैं, फिर भी एक दूरी है
बिना हमराही के, ज़िन्दगी अधूरी है
मिलेगी कहीं, कोई रहगुज़र
तन्हाँ कटेगा, कैसे ये सफ़र
मेरे सपने हो जहाँ
ढून्ढूँ मैं ऐसी नज़र
चांद की ज़रूरत है जैसे, चांदनी के लिये
बस एक सनम चाहिये...