Movie/Album: प्रोफ़ेसर (1962)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी
आवाज़ दे के हमें तुम बुलाओ
मोहब्बत में इतना ना हमको सताओ
अभी तो मेरी ज़िंदगी है परेशां
कहीं मर के हो खाक भी ना परेशां
दीये की तरह से न हमको जलाओ
मोहब्बत में इतना...
मैं सांसों के हर तार में छुप रहा हूँ
मैं धड़कन के हर राग में बस रहा हूँ
ज़रा दिल की जानिब निगाहें झुकाओ
मोहब्बत में इतना...
ना होंगे अगर हम तो रोते रहोगे
सदा दिल का दामन भिगोते रहोगे
जो तुम पर मिटा हो उसे ना मिटाओ
मोहब्बत में इतना...
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी
आवाज़ दे के हमें तुम बुलाओ
मोहब्बत में इतना ना हमको सताओ
अभी तो मेरी ज़िंदगी है परेशां
कहीं मर के हो खाक भी ना परेशां
दीये की तरह से न हमको जलाओ
मोहब्बत में इतना...
मैं सांसों के हर तार में छुप रहा हूँ
मैं धड़कन के हर राग में बस रहा हूँ
ज़रा दिल की जानिब निगाहें झुकाओ
मोहब्बत में इतना...
ना होंगे अगर हम तो रोते रहोगे
सदा दिल का दामन भिगोते रहोगे
जो तुम पर मिटा हो उसे ना मिटाओ
मोहब्बत में इतना...