Movie/Album: वो लम्हें (2006)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: फ़याज़ हाशमी
Performed By: जेम्स
चल चलें अपने घर
ऐ मेरे हमसफ़र
बंद दरवाज़े कर
सबसे हो बेख़बर
प्यार दोनों करें
रात भर टूटकर
चल चलें...
ना जहाँ भीड़ हो, ना जहां भर के लोग
ना शहर में बसे, लाखों लोगों का शोर
चंद लम्हें तू इनसे मुझे दूर कर
चल चलें...
दूरियाँ दे मिटा, जो भी है दरमियाँ
आज कुछ ऐसे मिल, एक हो जाए जाँ
भर मुझे बाहों में, ले डूबा चाह में
प्यार कर तू बेपनाह
ख़तम बेचैन रातों के हो सिलसिले
यूँ लगा ले मुझे आज अपने गले
खोल हर बंदिशें, आज मुझमें उतर
चल चलें...
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: फ़याज़ हाशमी
Performed By: जेम्स
चल चलें अपने घर
ऐ मेरे हमसफ़र
बंद दरवाज़े कर
सबसे हो बेख़बर
प्यार दोनों करें
रात भर टूटकर
चल चलें...
ना जहाँ भीड़ हो, ना जहां भर के लोग
ना शहर में बसे, लाखों लोगों का शोर
चंद लम्हें तू इनसे मुझे दूर कर
चल चलें...
दूरियाँ दे मिटा, जो भी है दरमियाँ
आज कुछ ऐसे मिल, एक हो जाए जाँ
भर मुझे बाहों में, ले डूबा चाह में
प्यार कर तू बेपनाह
ख़तम बेचैन रातों के हो सिलसिले
यूँ लगा ले मुझे आज अपने गले
खोल हर बंदिशें, आज मुझमें उतर
चल चलें...