Movie/Album: लाइफ इन अ मेट्रो (2007)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: सईद कादरी
Performed By: के.के.
दिल खुदगर्ज़ है
फ़िसला है ये, फ़िर हाथ से
कल उसका रहा, अब है तेरा
इस रात से
ओ मेरी जाँ
तू आ गया यूँ नज़र में
जैसे सुबह दोपहर में
मदहोशी यूँ ही नहीं
दिल पे छाई
नियत ने ली अंगड़ाई
छुआ तूने, कुछ इस तरह
बदली फ़िज़ा, बदला समां
ओ मेरी जाँ...
नाता समझे ना हाँ ये दिल मेरा
जानूँ ना, जानूँ ना इसको क्या हुआ
मेरी बाहों की फिर से ढूंढे ये पनाह
तू है कहाँ, तू है कहाँ
ओ मेरी जाँ...
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: सईद कादरी
Performed By: के.के.
दिल खुदगर्ज़ है
फ़िसला है ये, फ़िर हाथ से
कल उसका रहा, अब है तेरा
इस रात से
ओ मेरी जाँ
तू आ गया यूँ नज़र में
जैसे सुबह दोपहर में
मदहोशी यूँ ही नहीं
दिल पे छाई
नियत ने ली अंगड़ाई
छुआ तूने, कुछ इस तरह
बदली फ़िज़ा, बदला समां
ओ मेरी जाँ...
नाता समझे ना हाँ ये दिल मेरा
जानूँ ना, जानूँ ना इसको क्या हुआ
मेरी बाहों की फिर से ढूंढे ये पनाह
तू है कहाँ, तू है कहाँ
ओ मेरी जाँ...