Apni dhun men rehta hoon;
Mein bhi tere jaisa hoon; O pecchlee rut ke saathi; Abki Baras main tanha hoon; Apni dhun men rehta hoon; Mein bhi tere jaisa hoon; Teri gali men sara din; Dukh ke kankad chunta hoon; Apni dhun men rehta hoon; Mein bhi tere jaisa hoon; Mera diya jalaye kuan; Mai tera khali kamra hoon; Apni dhun men rehta hoon; Main bhi tere jaisa hoon; Apni leher hai apna rooga; Dariya hoon aur payasaa hoon; Apni dhun men rehta hoon; Mein bhi tere jaisa hoon; Aati rut mujhe rulayegi; Jaati rut ka jhonka hoon; Apni dhoon men rehta hoon; Mein bhi tere jaisa hoon; |
अपनी धुन में रहता हूँ;
मैं भी तेरे जैसा हूँ; ओ पिछली रूट के साथी; अबकी बरस मैं तन्हा हूँ; अपनी धुन में रहता हूँ; मैं भी तेरे जैसा हूँ; तेरी गली में सारा दिन;
दुख के कंकड़ चुनता हूँ;
अपनी धुन में रहता हूँ;
मैं भी तेरे जैसा हूँ; मेरा दिया जलाये कौन;
मैं तेरा खाली कमरा हूँ;
अपनी धुन में रहता हूँ;
मैं भी तेरे जैसा हूँ; अपनी लहर है अपना रूग;
दरिया हूँ और प्यासा हूँ;
अपनी धुन में रहता हूँ;
मैं भी तेरे जैसा हूँ; आती रुत मुझे रुलायेगी;
जाती रुत का झोंका हूँ;
अपनी धुन में रहता हूँ;
मैं भी तेरे जैसा हूँ; |
गुरुवार, 10 जनवरी 2013
GHULAM ALI: APNI DHUN MEIN REHTA HUN
Manvendra Singh