Movie/Album: कश्मीर की कली (1964)
Music By: ओ.पी.नैय्यर
Lyrics By: एस.एच.बिहारी
Performed By: मो.रफ़ी
किसी न किसी से, कभी न कभी
कहीं न कहीं दिल लगाना पड़ेगा
एक से एक हसीं चेहरे हैं
किस किस को मैं देखूँ
किसको इनमें अपना समझूँ
संग मैं अपने ले लूँ
कोई रंगीली (रसीली), छैल-छबीली
आज मेरी ज़िन्दगी में आ के रहेगी
किसी न किसी से...
ढूँढ रहा हूँ मैं वो दुनिया
प्यार जिसे कहते हैं
कौन वो क़िस्मत वाले हैं
जो लोग वहाँ रहते हैं
मुझको मेरे दिल ले के वहीं चल
आए जहाँ हाथ कोई रेशमी आँचल
किसी न किसी से...
ऐसी नाज़ुक हो वो जिसका
शबनम मुँह धोती हो
चाँद भी सदके होता हो
जब रात को वो सोती हो
आँख शराबी, गाल गुलाबी
प्यार से सँवार दे जो ज़िन्दगी मेरी
किसी न किसी से...
Music By: ओ.पी.नैय्यर
Lyrics By: एस.एच.बिहारी
Performed By: मो.रफ़ी
किसी न किसी से, कभी न कभी
कहीं न कहीं दिल लगाना पड़ेगा
एक से एक हसीं चेहरे हैं
किस किस को मैं देखूँ
किसको इनमें अपना समझूँ
संग मैं अपने ले लूँ
कोई रंगीली (रसीली), छैल-छबीली
आज मेरी ज़िन्दगी में आ के रहेगी
किसी न किसी से...
ढूँढ रहा हूँ मैं वो दुनिया
प्यार जिसे कहते हैं
कौन वो क़िस्मत वाले हैं
जो लोग वहाँ रहते हैं
मुझको मेरे दिल ले के वहीं चल
आए जहाँ हाथ कोई रेशमी आँचल
किसी न किसी से...
ऐसी नाज़ुक हो वो जिसका
शबनम मुँह धोती हो
चाँद भी सदके होता हो
जब रात को वो सोती हो
आँख शराबी, गाल गुलाबी
प्यार से सँवार दे जो ज़िन्दगी मेरी
किसी न किसी से...