Performed By: गुलाम अली
आप हैं क्यों ख़फ़ा, कुछ पता तो चले
है मेरी क्या खता, कुछ पता तो चले
आज चेहरे पे रंग-ए-उदासी क्यूँ
ऐ मेरे दिलरुबा कुछ पता तो चले
आप हैं क्यों खफ़ा...
आपके और मेरे प्यार के दरमियाँ
क्यों है यह फासिला कुछ पता तो चले
आप हैं क्यों ख़फ़ा...
मैं अगर बेवफा हूँ तो यूँ ही सही
कौन है बावफा कुछ पता तो चले
आप हैं क्यों खफ़ा...
आप हैं क्यों ख़फ़ा, कुछ पता तो चले
है मेरी क्या खता, कुछ पता तो चले
आज चेहरे पे रंग-ए-उदासी क्यूँ
ऐ मेरे दिलरुबा कुछ पता तो चले
आप हैं क्यों खफ़ा...
आपके और मेरे प्यार के दरमियाँ
क्यों है यह फासिला कुछ पता तो चले
आप हैं क्यों ख़फ़ा...
मैं अगर बेवफा हूँ तो यूँ ही सही
कौन है बावफा कुछ पता तो चले
आप हैं क्यों खफ़ा...