एक दिन नदी किनारे लकड़ी काटने वाला पेड़ पर चढ़कर लकड़ियाँ काट रहा था...
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पेड़ काटते-काटते उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई
वह रोने लगा, तो नदी में से भगवान निकले और उससे रोने का कारण पूछा...
लकड़ी काटने वाले ने कहा कि उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई है और उसकी आजीविका लकड़ी बेच कर ही चलती है...
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उसकी बात सुनकर भगवान नदी में गए और एक सोने की कुल्हाड़ी निकाल कर लाए और बोले...
यह तुम्हारी है...
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लकड़ी काटने वाले ने कहा- नहीं...
भगवान फिर नदी में गए और चांदी की कुल्हाड़ी लेकर बाहर आए...
फिर उन्होंने उससे पूछा- यह तुम्हारी है...
उसने कहा- नहीं...
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भगवान फिर पानी में गए और इस बार लोहे की कुल्हाड़ी के साथ बाहर आकर बोले...
यह वाली.....
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लड़की काटने वाले ने कहा- हाँ, यही है...
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भगवान उसकी ईमानदारी से बहुत खुश हुए और उसे तीनों कुल्हाड़ियाँ दे दी...
वह खुशी-खुशी अपने घर चला गया...
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कुछ दिनों में बाद उसकी पत्नी नदी में डूब गई ...
वह नदी किनारे बैठ कर रो रहा था...
फिर भगवान आए और उन्होंने उसके उदास होने का कारण पूछा...
तो लकड़हारे ने कहा- प्रभु, मेरी पत्नी पानी में डूब गई है.
भगवान नदी में गए और उसमें से कैटरीना कैफ को निकाल कर ले आए...
भगवान ने पूछा- यह तुम्हारी पत्नी है
लकड़ी काटने वाला बोला- हाँ
भगवान गुस्सा हो गए और बोले- झूठ बोलता है
लकड़ी काटने वाला- प्रभु नाराज मत होइए...मैंने हाँ इसलिए बोला, क्योंकि
अगर मैं नहीं बोलता तो आप दूसरी बार में मल्लिका शेरावत को निकाल कर लाते... फिर नहीं बोलता तो ......
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आप मेरी बीवी को निकाल कर लाते और फिर मेरी ईमानदारी को देखते हुए...
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तीनों को घर ले जाने के लिए कहते...
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प्रभु ! मैं हिन्दू हूँ, तीन-तीन बीवियों को नहीं रख सकता, कोर्ट कचेहरी के चक्कर अनावश्यक नहीं लगाना चाहता इसलिए पहली बार में ही हाँ कह दिया...!