Singer: Lata Mangeshkar
दिल का दिया जला के गया ये कौन मेरी तनहाई में
सोये नग़में जाग उठे होंठों की शहनाई में
प्यार अरमानों का दर खटकाए
ख़्वाब जागी आँखों से मिलाने को आए
कितने साये डोल पड़े सूनी सी अंगनाई में
एक ही नज़र में निखर गयी मैं तो
आईना जो देखा सँवर गयी मैं तो
तन पे उजाला फैल गया पहली ही अंगड़ाई में
काँपते लबों को मैं खोल रही हूँ
बोल वही जैसे कि बोल रही हूँ
बोल जो डूबे से हैं कहीं इस दिल की गहराई में