Singer: Lata Mangeshkar
लो आ गयी उनकी याद, वो नहीं आये
दिल उनको ढूँढ़ता है ग़म का सिंगार करके
आँखें भी थक गयी हैं अब इंतज़ार करके
इक आस रह गयी है वो भी न टूट जाये
रोती हैं आज हम पर तनहाइयाँ हमारी
वो भी न पाये शायद परछाइयाँ हमारी
बढ़ते ही जा रहे हैं मायूसियों के साये
लौ थरथरा रही है अब शम्म-ए-ज़िंदगी की
उजड़ी हुई मुहब्बत महमाँ है दो घड़ी की
मर कर ही अब मिलेंगे जी कर तो मिल न पाये