Singer: Mukesh
वक़्त करता जो वफ़ा आप हमारे होते
हम भी औरों की तरह आप को प्यारे होते
अपनी तक़दीर में पहले ही से कुछ तो ग़म हैं
और कुछ आप की फ़ितरत में वफ़ा भी कम है
वरना जीती हुई बाज़ी तो ना हारे होते
हम भी प्यासे हैं ये साक़ी को बता भी न सके
सामने जाम था और जाम उठा भी न सके
काश हम ग़ैरत-ए-महफ़िल के न मारे होते
दम घुटा जाता है सीने में फिर भी ज़िंदा हैं
तुम से क्या हम तो ज़िंदगी से भी शर्मिन्दा हैं
मर ही जाते न जो यादों के सहारे होते