Movie/Album: दिल एक मन्दिर (1963)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed by: मो.रफ़ी
याद न जाए, बीते दिनों की
जा के न आये जो दिन
दिल क्यूँ बुलाए
उन्हें, दिल क्यों बुलाए
दिन जो पखेरू होते, पिंजरे में मैं रख लेता
पालता उनको जतन से, मोती के दाने देता
सीने से रहता लगाए
याद न जाए...
तस्वीर उनकी छुपा के, रख दूँ जहाँ जी चाहे
मन में बसी ये मूरत, लेकिन मिटी न मिटाए
कहने को हैं वो पराए
याद न जाए...
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Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed by: मो.रफ़ी
याद न जाए, बीते दिनों की
जा के न आये जो दिन
दिल क्यूँ बुलाए
उन्हें, दिल क्यों बुलाए
दिन जो पखेरू होते, पिंजरे में मैं रख लेता
पालता उनको जतन से, मोती के दाने देता
सीने से रहता लगाए
याद न जाए...
तस्वीर उनकी छुपा के, रख दूँ जहाँ जी चाहे
मन में बसी ये मूरत, लेकिन मिटी न मिटाए
कहने को हैं वो पराए
याद न जाए...