Movie/Album: सिफर (1998)
Music By: लकी अली
Lyrics By: स्येद असलम नूर
Performed By: लकी अली
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Music By: लकी अली
Lyrics By: स्येद असलम नूर
Performed By: लकी अली
नहीं रखता दिल में कुछ रखता हूँ जुबां पर
समझे ना अपने भी कभी
समझे ना अपने भी कभी
कह नहीं सकता मैं क्या सहता हूँ छुपा कर
इक ऐसी आदत है मेरी
इक ऐसी आदत है मेरी
सभी तो हैं जिनसे मिलता हूँ
सही जो है इनसे कहता हूँ
सही जो है इनसे कहता हूँ
जो समझता हूँ
मैंने देखा नहीं रंग दिल आया है सिर्फ अदा पर
इक ऐसी चाहत है मेरी
इक ऐसी चाहत है मेरी
बहारों के घेरे से लाया मैं दिल सजा कर
इक ऐसी सोहबत है मेरी
इक ऐसी सोहबत है मेरी
साये में छाए रहता हूँ
आँखें बिछाये रहता हूँ
आँखें बिछाये रहता हूँ
जिनसे मिलता हूँ
कितनो को देखा है हमने यहाँ
कुछ सिखा है हमने उनसे नया
कुछ सिखा है हमने उनसे नया
पहले फुरसत थी अब हसरतें समाकर
इक ऐसी उलझन है मेरी
इक ऐसी उलझन है मेरी
खुद चलकर रुकता हूँ जहाँ जिस जगह पर
इक ऐसी सरहद है मेरी
इक ऐसी सरहद है मेरी
कहने से भी मैं डरता हूँ
अपनों के धुन में रहता हूँ
अपनों के धुन में रहता हूँ
कर क्या सकता हूँ
दे सकता हूँ मैं थोडा प्यार यहाँ पर
जितनी हैसियत है मेरी
जितनी हैसियत है मेरी
रह जाऊं सबके दिल में दिल को बसाकर
इक ऐसी नियत है मेरी
इक ऐसी नियत है मेरी
हो जाये तो भी राज़ी हूँ
खो जाऊं तो मैं बाकी हूँ
खो जाऊं तो मैं बाकी हूँ
यूँ समझता हूँ
रस्ते न बदले न बदला जहां
फिर क्यों बदलते कदम हैं यहाँ
फिर क्यों बदलते कदम हैं यहाँ