संस्कृत -
या कुंदेंदुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता ।
या वीणावरदण्डमंडितकरा या श्वेतपद्मासना ।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभ्रृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता ।
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा ।।
हिंदी अनुवाद -
जो चन्द्रमा समान मुखमंडल लिए, हिम जैसे श्वेत कुंद फूलों के हार और शुभ्र वस्त्रों से अलंकृत हैं ।
जो हाथों में श्रेष्ठ वीणा लिए श्वेत कमल पर विराजमान हैं ।।
ब्रह्मा, विष्णु और महेश आदि देवगण भी जिनकी सदैव स्तुति करते हैं ।।
हे मां भगवती सरस्वती, आप मेरी सारी मानसिक जड़ता को दूर करो।
हे सर्वत्र-विद्यमान विद्या देवी, आपको मेरा बार-बार नमस्कार।।
हे देवी मां, मेरी मानसिक जड़ता को दूर करो!
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