Movie/Album: कलयुग (2005)
Music By: रोहैल हयात, फैज़ल रफ़ी
Lyrics By: सईद कादरी
Performed By: आतिफ़ असलम
जुदा होके भी, तू मुझमें कहीं बाकी है
पलकों में बनके आंसू, तू चली आती है
जुदा होके भी...
वैसे जिंदा हूँ मैं ज़िन्दगी, बिन तेरे मैं
दर्द ही दर्द बाकी रहा है सीने में
सांस लेना भर ही यहाँ जीना नहीं है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
जुदा होके भी...
साथ मेरे है तू हर पल शब के अंधेरे में
पास मेरे है तू हरदम उजले सवेरे में
दिल से धड़कन भुला देना आसां नहीं है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
जुदा होके भी...
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
ये जो यादें हैं, सभी बातें हैं
हटा दो इन्हें, मिटा दो इन्हें...
II
न जाने कब से, उम्मीदें कुछ बाकी है
मुझे फिर भी तेरी याद, क्यूँ आती है
न जाने कब से
दूर जितना भी तुम मुझसे, पास तेरे मैं
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
ज़िन्दगी से कोई शिकवा भी नहीं है
अब तो जिंदा हू मैं इस नीले आसमां में
चाहत ऐसी है ये तेरी, बढ़ती जाए
आहट ऐसी है ये तेरी, मुझको सताए
यादें गहरी हैं इतनी, दिल डूब जाए
और आँखों में यह ग़म नम बन जाए
अब तो आदत सी...
सभी यादें हैं, सभी बातें हैं
भुला दो उन्हें, मिटा दो उन्हें
Song Name: Ab To Aadat Si Hai
Album: Kalug and JALSinger: Atif Aslam
Music : JAL band
Na jane kab se.......
umidain kuch baki hain....
Mujhe phir bhi teri yaad ................
kyoin ati hai .....
Na jana kab see.....
Door jitna bhi tum mujhse pass tere main....
Abb to adat si hai mujh ko aisa jena mein..
Zindigi say koi sikhwa bhi nahi hai ...
Abb to zinda hun main iss nile asman mein...
Chahat aisi hai yeh teri barhti jaye....
Aahat aisi hai yeh teri mujh ko sataya ......
Yaadein gehri hain itni dil doob jaye...
Aur ankhoin main yeh gam nam ban jay.....
hahaaaaaaaaa ......haaaaaa......... oooooooooo.... oooo....
Abb to adat si hai mujh ko aise jine main
Sabhi raatain hain
Sabhi baatain hainBhola do unhain
Mita do unhain
Abb to adat si ha mujh ko