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शनिवार, 27 जुलाई 2013

फिर छिड़ी रात - Phir Chhidi Raat (Lata Mangeshkar, Talat Aziz, Bazaar)



Movie/Album: बाज़ार (1982)
Music By: खैय्याम
Lyrics By: मखदूम मोहिउद्दीन
Performed By: लता मंगेशकर, तलत अज़ीज़

फिर छिड़ी रात, बात फूलों की
रात है या बारात फूलों की

फूल के हार, फूल के गजरे
शाम फूलों की, रात फूलों की
फिर छिड़ी रात...

आपका साथ, साथ फूलों का
आपकी बात, बात फूलों की
फिर छिड़ी रात...

फूल खिलते रहेंगे दुनिया में
रोज़ निकलेगी बात फूलों की
फिर छिड़ी रात...

नज़रें मिलती हैं जाम मिलते हैं
मिल रही है हयात फूलों की
फिर छिड़ी रात...

ये महकती हुई ग़ज़ल मखदूम
जैसे सहरा में रात फूलों की
फिर छिड़ी रात...

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शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

देख लो आज हमको - Dekh Lo Aaj Humko (Jagjit Kaur, Bazaar)



Movie/Album: बाज़ार (1982)
Music By: खैय्याम
Lyrics By: मिर्ज़ा शौक़
Performed By: जगजीत कौर

देख लो आज हमको जी भर के
कोई आता नहीं है फिर मर के

हो गए तुम, अग़र चे सौदाई
दूर पहुँचेगी मेरी रुस्वाई
देख लो आज...

आओ अच्छी तरह से कर लो प्यार
के निकल जाएँ कुछ दिल का बुखार
देख लो आज...

फ़िर हम उठने लगे, बिठा लो तुम
फ़िर बिगड जाएँ हम, मना लो तुम
देखो लो आज...

याद इतनी तुम्हें दिलाते जाएँ
पान कल के लिए लगाते जाएँ
देख लो आज...

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गुरुवार, 25 जुलाई 2013

दिखाई दिए यूँ - Dikhayee Diye Yun (Lata Mangeshkar, Bazaar)



Movie/Album: बाज़ार (1982)
Music By: खैय्याम
Lyrics By: मिर तकी मिर
Performed By: लता मंगेशकर

दिखाई दिए यूँ कि बेखुद किया
हमें आप से भी जुदा कर चले
दिखाई दिए यूँ...

जबीं सजदा करते ही करते गई
हक़-ए-बंदगी हम अदा कर चले
दिखाई दिए यूँ...

परस्तिश किया तक कि ऐ बुत तुझे
नज़र में सभों की ख़ुदा कर चले
दिखाई दिए यूँ...

बहुत आरज़ू थी गली की तेरी
सो यास-ए-लहू में नहा कर चले
दिखाई दिए यूँ...

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बुधवार, 24 जुलाई 2013

करोगे याद तो - Karoge Yaad To (Bhupinder, Bazaar)



Movie/Album: बाज़ार (1982)
Music By: खैय्याम
Lyrics By: बशर नवाज़
Performed By: भूपिंदर

करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
गुज़रते वक़्त की, हर मौज ठहर जायेगी
करोगे याद तो...

ये चाँद बीते ज़मानों का आईना होगा
भटकते अब्र में, चेहरा कोई बना होगा
उदास राह कोई दास्तां सुनाएगी
करोगे याद तो...

बरसता भीगता मौसम धुआँ-धुआँ होगा
पिघलती शम्मों पे दिल का मेरे ग़ुमां होगा
हथेलियों की हिना, याद कुछ दिलायेगी
करोगे याद तो...

गली के मोड़ पे, सूना सा कोई दरवाज़ा
तरसती आँखों से रस्ता किसी का देखेगा
निगाह दूर तलक जा के लौट आएगी
करोगे याद तो...

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