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रविवार, 13 नवंबर 2011

ना ना करते प्यार - Na Na Karte Pyar (Md.Rafi, Suman Kalyanpur)



Movie/Album: जब जब फूल खिले (1965)
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: मो.रफ़ी, सुमन कल्यानपुर

ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
करना था इनकार, मगर इक़रार
तुम्हीं से कर बैठे

देखो जी भरी है हजारों तुमने आहें
तब कहीं ये हमने (अच्छा?) मिलाई हैं निगाहें
तुमसे भी हसीं है तुम्हारा ये बहाना
तुमने ही तो हमको सिखाया दिल लगाना
दिखा है दिलदार, तुम्हीं से प्यार
तुम्हीं से कर बैठे...
ना ना करते प्यार...

हमको है पता जो तुम्हारी दास्ताँ थी
होंठों पे तो ना थी (जा झूठे) मगर दिल में हाँ थी
कोई दिल न देगा अनाड़ी अनजान को
हमने दे दिया है तो मानो एहसान को
हम भूले इक बार, कि आँखें चार
तुम्हीं से कर बैठे
ना ना करते प्यार...

छोड़ो रहने भी दो ये झूठे अफ़साने
ऐसा क्या है तुममें (चल झूठी) कि हम हो दीवाने
फिर भी तुमने ख़्वाबों में आना नहीं छोड़ा
तीर नज़रों के चलाना नहीं छोड़ा
ये शिक़वा सरकार, हज़ारों बार
तुम्हीं से कर बैठे
ना ना करते प्यार...

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परदेसियों से ना अँखियाँ मिलाना - Pardesiyon Se Na Akhiyaan Milana (Md.Rafi)



Movie/Album: जब जब फूल खिले (1965)
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: मो.रफ़ी

परदेसियों से ना अँखियाँ मिलाना
परदेसियों को है इक दिन जाना

सच ही कहा है पंछी इनको
रात को ठहरें तो उड़ जाएं दिन को
आज यहाँ, कल वहाँ है ठिकाना
परदेसियों से ना...

बागों में जब-जब फूल खिलेंगे
तब-तब ये हरजाई मिलेंगे
गुज़रेगा कैसे पतझड़ का ज़माना
परदेसियों से ना...

प्यार से अपने ये नहीं होते
ये पत्थर हैं ये नहीं रोते
इनके लिये ना आँसू बहाना
परदेसियों से ना...

ना ये बादल ना ये तारे
ये कागज़ के फूल हैं सारे
इन फूलों के न बाग लगाना
परदेसियों से ना...

हमने यही इक बार किया था
इक परदेसी से प्यार किया था
रो-रो के कहता है दिल ये दीवाना
परदेसियों से ना...

आती है जब ये रुत मस्तानी
बनती है कोई न कोई कहानी
अबके बरस देखे बने क्या फ़साना
परदेसियों से ना..

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रविवार, 21 अगस्त 2011

यहाँ मैं अजनबी हूँ - Yahan Main Ajnabi Hoon (Md.Rafi)



Movie/Album: जब जब फूल खिले (1965)
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: मो.रफ़ी

कभी पहले देखा नहीं ये समाँ
ये मैं भूल से आ गया हूँ कहाँ

यहाँ मैं अजनबी हूँ
मैं जो हूँ बस वही हूँ
कहाँ शाम-ओ-सहर ये, कहाँ दिन-रात मेरे
बहुत रुसवा हुए हैं, यहाँ जज़्बात मेरे
नई तहज़ीब है ये, नया है ये ज़माना
मगर मैं आदमी हूँ, वही सदियों पुराना
मैं क्या जानूँ ये बातें, ज़रा इन्साफ़ करना
मेरी ग़ुस्ताख़ियों को, ख़ुदारा माफ़ करना
यहाँ मैं अजनबी...

तेरी बाँहों में देखूँ, सनम ग़ैरों की बाँहें
मैं लाऊँगा कहाँ से, भला ऐसी निगाहें
ये कोई रक़्स होगा, कोई दस्तूर होगा
मुझे दस्तूर ऐसा, कहाँ मंज़ूर होगा
भला कैसे ये मेरा, लहू हो जाए पानी
मैं कैसे भूल जाऊँ, मैं हूँ हिन्दुस्तानी
यहाँ मैं अजनबी...

मुझे भी है शिकायत, तुझे भी तो गिला है
यही शिक़वे हमारी, मोहब्बत का सिला हैं
कभी मग़रिब से मशरिक़, मिला है जो मिलेगा
जहाँ का फूल है जो, वहीं पे वो खिलेगा
तेरे ऊँचे महल में, नहीं मेरा गुज़ारा
मुझे याद आ रहा है, वो छोटा सा शिकारा
यहाँ मैं अजनबी...

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गुरुवार, 24 मार्च 2011

ये समां, समां है ये - Ye Sama, Sama Hai Ye (Lata Mangeshkar)



Movie/Album : जब जब फूल खिले (1965)
Music By : कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By : आनंद बक्षी
Performed By : लता मंगेशकर

ये समां, समां है ये प्यार का
किसी के इंतज़ार का
दिल ना चुरा ले कहीं मेरा,
मौसम बहार का

बसने लगे आँखों में, कुछ ऐसे सपने
कोई बुलाये जैसे, नैनों से अपने
ये समां, समां है दीदार का,
किसी के...

मिल के ख़यालों में ही, अपने बलम से
नींद गंवाई अपनी, मैंने कसम से
ये समां, समां है खुमार का,
किसी के...

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