Movie/Album: जुअल थीफ (1967)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
ये दिल ना होता बेचारा
कदम न होते आवारा
जो खूबसूरत कोई अपना हमसफ़र होता
ये दिल न होता...
अरे सुना, जब से ज़माने हैं बहार के
हम भी आये हैं राही बन के प्यार के
कोई न कोई तो बुलायेगा
खड़े हैं हम भी राहों में
ये दिल न होता...
अरे माना उसको नहीं मैं पहचानता
बंदा उसका पता भी नहीं जानता
मिलना लिखा है तो आयेगा
खड़े हैं हम भी राहों में
ये दिल ना होता...
अरे उसकी धुन में पड़ेगा दुख झेलना
सीखा हमने भी पत्थरों से खेलना
सूरत कभी तो दिखायेगा
पड़े हैं हम भी राहों में
ये दिल ना होता...
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Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
ये दिल ना होता बेचारा
कदम न होते आवारा
जो खूबसूरत कोई अपना हमसफ़र होता
ये दिल न होता...
अरे सुना, जब से ज़माने हैं बहार के
हम भी आये हैं राही बन के प्यार के
कोई न कोई तो बुलायेगा
खड़े हैं हम भी राहों में
ये दिल न होता...
अरे माना उसको नहीं मैं पहचानता
बंदा उसका पता भी नहीं जानता
मिलना लिखा है तो आयेगा
खड़े हैं हम भी राहों में
ये दिल ना होता...
अरे उसकी धुन में पड़ेगा दुख झेलना
सीखा हमने भी पत्थरों से खेलना
सूरत कभी तो दिखायेगा
पड़े हैं हम भी राहों में
ये दिल ना होता...