सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

घुंघरू की तरह- Ghungroo Ki Tarah (Kishore Kumar)



Movie/Album : चोर मचाए शोर (1974)
Music By : रविन्द्र जैन
Lyrics By : रविन्द्र जैन
Performed By : किशोर कुमार

घुंघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
कभी इस पग में, कभी उस पग में
बंधता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू...

कभी टूट गया, कभी तोड़ा गया
सौ बार मुझे फिर जोड़ा गया
यूँ ही लुट-लुट के, और मिट-मिट के
बनता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू...

मैं करता रहा औरों की कही
मेरी बात मेरे मन ही में रही
कभी मंदिर में, कभी महफ़िल में
सजता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू...

अपनों में रहे या गैरों में
घुंघरू की जगह तो है पैरों में
फिर कैसा गिला जग से जो मिला
सहता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू...
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