Music By : विशाल शेखर
Lyrics By : विशाल ददलानी, शेखर रव्जियानी
Performed By : राहत फ़तेह अली खान
धुंधला जाएँ जो मंजिलें, इक पल को तू नज़र झुका
झुक जाये सर जहाँ वहीं, मिलता हैं रब का रास्ता
तेरी किस्मत तू बदल दे, रख हिम्मत बस चल दे
तेरा साथी, मेरे क़दमों के हैं निशां
तू न जाने आस पास हैं खुदा
खुद पे डाल तू नज़र, हालातों से हार कर कहाँ चला रे
हाथ की लकीर को, मोड़ता मरोड़ता है हौसला रे
तो खुद तेरे ख्वाबों के रंग में, तू अपने जहाँ को भी रंग दे
के चलता हूँ मैं तेरे संग में
हो शाम भी तो क्या
जब होगा अँधेरा, तब पायेगा दर मेरा
उस दर पे फिर होगी तेरी सुबह
तू न जाने...
मिट जाते हैं सबके निशां
बस एक वो मिटता नहीं हाय
मान ले जो हर मुश्किल को
मर्ज़ी मेरी हाय
हो हमसफ़र न तेरा जब कोई
तू हो जहाँ, रहूँगा मैं वहीं
तुझसे कभी न इक पल भी मैं जुदा
तू न जाने...
Lyrics By : विशाल ददलानी, शेखर रव्जियानी
Performed By : राहत फ़तेह अली खान
धुंधला जाएँ जो मंजिलें, इक पल को तू नज़र झुका
झुक जाये सर जहाँ वहीं, मिलता हैं रब का रास्ता
तेरी किस्मत तू बदल दे, रख हिम्मत बस चल दे
तेरा साथी, मेरे क़दमों के हैं निशां
तू न जाने आस पास हैं खुदा
खुद पे डाल तू नज़र, हालातों से हार कर कहाँ चला रे
हाथ की लकीर को, मोड़ता मरोड़ता है हौसला रे
तो खुद तेरे ख्वाबों के रंग में, तू अपने जहाँ को भी रंग दे
के चलता हूँ मैं तेरे संग में
हो शाम भी तो क्या
जब होगा अँधेरा, तब पायेगा दर मेरा
उस दर पे फिर होगी तेरी सुबह
तू न जाने...
मिट जाते हैं सबके निशां
बस एक वो मिटता नहीं हाय
मान ले जो हर मुश्किल को
मर्ज़ी मेरी हाय
हो हमसफ़र न तेरा जब कोई
तू हो जहाँ, रहूँगा मैं वहीं
तुझसे कभी न इक पल भी मैं जुदा
तू न जाने...