Movie/Album: अफशान (1971)
Music By: नाशाद
Lyrics By: तसलीम फाज़ली
Performed By: मेहदी हसन
खुदा करे के मोहब्बत में ये मक़ाम आये
किसी का नाम लूँ, लब पे तुम्हारा नाम आये
कुछ इस तरह से जिये, ज़िन्दगी बसर ना हुई
तुम्हारे बाद किसी, रात की सहर ना हुई
सहर नज़र से मिले, ज़ुल्फ़ ले के शाम आई
किसी का नाम लूँ...
खुद अपने घर में वो, मेहमान बन के आई हैं
सितम तो देखिये, अनजान बन के आये हैं
हमारी दिल की तड़प आज कुछ तो काम आये
किसी का नाम लूँ...
वही है साज़, वही गीत है, वही मंज़र
हर एक चीज़ वही है, नहीं हो तुम वो मगर
उसी तरह से निगाहें, उठें सलाम आये
किसी का नाम लूँ...
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Music By: नाशाद
Lyrics By: तसलीम फाज़ली
Performed By: मेहदी हसन
खुदा करे के मोहब्बत में ये मक़ाम आये
किसी का नाम लूँ, लब पे तुम्हारा नाम आये
कुछ इस तरह से जिये, ज़िन्दगी बसर ना हुई
तुम्हारे बाद किसी, रात की सहर ना हुई
सहर नज़र से मिले, ज़ुल्फ़ ले के शाम आई
किसी का नाम लूँ...
खुद अपने घर में वो, मेहमान बन के आई हैं
सितम तो देखिये, अनजान बन के आये हैं
हमारी दिल की तड़प आज कुछ तो काम आये
किसी का नाम लूँ...
वही है साज़, वही गीत है, वही मंज़र
हर एक चीज़ वही है, नहीं हो तुम वो मगर
उसी तरह से निगाहें, उठें सलाम आये
किसी का नाम लूँ...