Movie/Album: अदालत (1958)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजिंदर कृष्ण
Performed By: आशा भोंसले, मो.रफ़ी
जब दिन हसीं
दिल हो जवाँ
क्योँ ना मनाये पिकनिक
सीने में आग
होंठों पे राग
मिलजुल के गायें पिकनिक
साईकल सवार, बाँधे कतार, लो हम चले
जंगल के पार, हिरनों की डार, जैसे चले
हिप हिप हुर्रे!
मौसम पे रंग
दिल में उमंग
फिर क्यों ना जायें पिकनिक
जब दिल हसीं...
पानी का शोर, लहरों का जोर, आ तोड़ दें
तूफां में नाव, मिलजुल के आओ, सब छोड़ दें
हिप हिप हुर्रे!
साहिल से दूर
जा के हुज़ूर
ऐसी जमायें पिकनिक
जब दिल हसीं...
ये दिन अजीब, हम-तुम करीब, हाय फिर कहाँ
मस्ती के खेल, आपस का मेल, हाय फिर कहाँ
हिप हिप हुर्रे!
ज़ुल्फ़ों के डाल
उड़ते रुमाल
रंगीं बनायें पिकनिक
जब दिल हसीं...
Share:
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजिंदर कृष्ण
Performed By: आशा भोंसले, मो.रफ़ी
जब दिन हसीं
दिल हो जवाँ
क्योँ ना मनाये पिकनिक
सीने में आग
होंठों पे राग
मिलजुल के गायें पिकनिक
साईकल सवार, बाँधे कतार, लो हम चले
जंगल के पार, हिरनों की डार, जैसे चले
हिप हिप हुर्रे!
मौसम पे रंग
दिल में उमंग
फिर क्यों ना जायें पिकनिक
जब दिल हसीं...
पानी का शोर, लहरों का जोर, आ तोड़ दें
तूफां में नाव, मिलजुल के आओ, सब छोड़ दें
हिप हिप हुर्रे!
साहिल से दूर
जा के हुज़ूर
ऐसी जमायें पिकनिक
जब दिल हसीं...
ये दिन अजीब, हम-तुम करीब, हाय फिर कहाँ
मस्ती के खेल, आपस का मेल, हाय फिर कहाँ
हिप हिप हुर्रे!
ज़ुल्फ़ों के डाल
उड़ते रुमाल
रंगीं बनायें पिकनिक
जब दिल हसीं...