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बुधवार, 28 नवंबर 2012

ये हम आ गए हैं कहाँ - Ye Hum Aa Gaye Hain Kahan (Veer Zaara, Udit Narayan, Lata Mangeshkar)



Movie/Album: वीर ज़ारा (2004)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: उदित नारायण, लता मंगेशकर

लहराती हुई राहें, खोले हुए हैं बाँहें
ये हम आ गए हैं कहाँ
पलकों पे गहरे हलके, है रेशमी धुंधलके
ये हम आ गए हैं कहाँ

वो देखो ज़रा, पर्बतों पे घटायें
हमारी दास्ताँ, हौले से सुनाये
सुनो तो ज़रा, ये फूलों की वादी
हमारी ही कोई, कहानी है सुनाती
सपनों के इस नगर में, यादों की रहगुज़र में
ये हम आ गए हैं कहाँ...

जो राहों में है, रुत ने सोना बिखेरा
सुनहरा हुआ, तेरा-मेरा सवेरा
ज़मीं सो गयी, बर्फ की चादरों में
बस इक आग सी, जलती है दो दिलों में
हवाएँ सनासनाए, बदन काँप जाएँ
ये हम आ गए हैं कहाँ..

ये बरसात भी, कब थामें कौन जाने
तुम्हें मिल गए, प्यार के सौ बहाने
सितारों की है, जैसे बरात आई
हमारे लिए, रात यूँ जगमगाई
सपने भी झिलमिलायें, दिल में दीये जलायें
ये हम आ गए हैं कहाँ...

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मंगलवार, 27 नवंबर 2012

क्यों हवा - Kyon Hawa (Yash Chopra, Sonu Nigam, Lata Mangeshkar)



Movie/Album: वीर ज़ारा (2004)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: उदित नारायण

एक दिन जब सवेरे सवेरे
सुरमई से अंधेर की चादर हटा के
एक परबत के तकिये से
सूरज ने सर जो उठाया
तो देखा
दिल की वादी में चाहत का मौसम है
और यादों की डालियों पर
अनगिनत बीते लम्हों की कलियाँ महकने लगी हैं
अनकही, अनसुनी आरज़ू
आधी सोयी हुई, आधी जागी हुई
आँखें मलते हुए देखती है
लहर दर लहर, मौज दर मौज
बहती हुई ज़िन्दगी
जैसे हर एक पल नयी है
और फिर भी वही
हाँ, वही ज़िन्दगी
जिसके दामन में एक मोहब्बत भी है, कोई हसरत भी है
पास आना भी है, दूर जाना भी है
और ये एहसास है
वक़्त झरने सा बहता हुआ, जा रहा है
ये कहता हुवा
दिल की वादी में चाहत का मौसम है
और यादों की डालियों पर
अनगिनत बीते लम्हों की कलियाँ महकने लगी हैं

क्यूँ हवा आज यूँ गा रही है 
क्यूँ फिजा, रंग छलका रही है
मेरे दिल बता आज होना है क्या
चांदनी दिन में क्यूँ छा रही है
ज़िन्दगी किस तरफ जा रही है
मेरे दिल बता क्या है ये सिलसिला
क्यूँ हवा आज यूँ...

जहाँ तक भी जाएँ निगाहें, बरसते हैं जैसे उजाले
सजी आज क्यूँ है ये राहें, खिले फूल क्यूँ हैं निराले
खुश्बूयें, कैसी ये बह रही है
धड़कनें जाने क्या कह रही है
मेरे दिल बता ये कहानी है क्या
क्यूँ हवा आज यूँ...

ये किसका है चेहरा जिससे मैं, हर एक फूल में देखता हूँ
ये किसकी है आवाज़ जिसको, न सुन के भी मैं सुन रहा हूँ
कैसी ये आहटें आ रही हैं, कैसे ये ख्वाब दिखला रही है
मेरे दिल बता कौन है आ रहा
क्यूँ हवा आज यूँ...

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सोमवार, 26 नवंबर 2012

मैं यहाँ हूँ - Main Yahan Hoon (Veer Zaara, Udit Narayan)



Movie/Album: वीर ज़ारा (2004)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: उदित नारायण

जानम देख लो मिट गयी दूरियाँ
मैं यहाँ हूँ, यहाँ हूँ, यहाँ हूँ, यहाँ
कैसी सरहदें, कैसी मजबूरियाँमैं यहाँ हूँ, यहाँ हूँ, यहाँ हूँ, यहाँ

तुम छुपा ना सकोगी मैं वो राज़ हूँ
तुम भूला ना सकोगी वो अंदाज़ हूँ
गूँजता हूँ जो दिल में तो हैरां हो क्यूँ
मैं तुम्हारे ही दिल की तो आवाज़ हूँ
सुन सको, तो सुनो, धड़कनों की ज़बां
मैं यहाँ हूँ...

मैं ही मैं अब तुम्हारे ख़यालों में हूँ
मैं जवाबों में हूँ, मैं सवालों में हूँ
मैं तुम्हारे हर इक ख्वाब में हूँ बसा
मैं तुम्हारी नज़र के उजालों में हूँ
देखती, हो मुझे, देखती हो जहाँ
मैं यहाँ हूँ...

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रविवार, 25 नवंबर 2012

दो पल - Do Pal (Veer Zaara, Lata Mangeshkar, Sonu Nigam)



Movie/Album: वीर ज़ारा (2004)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: लता मंगेशकर, सोनू निगम

दो, पल रुका, ख्वाबों का कारवाँ
और फिर, चल दिए, तुम कहाँ, हम कहाँ
दो पल की थी, ये दिलों की दास्ताँ
और फिर, चल दिए, तुम कहाँ, हम कहाँ


तुम थे के थी कोई उजली किरण
तुम थे या कोई कली मुस्काई थी
तुम थे या सपनों का था सावन
तुम थे के खुशियों की घटा छाई थी
तुम थे के था कोई फूल खिला
तुम थे या मिला था मुझे नया जहां
दो पल रुका...

तुम थे या खुशबु हवाओं में थी
तुम थे या रंग सारी दिशाओं में थे
तुम थे या रोशनी राहों में थी
तुम थे या गीत गूँजे फ़िज़ाओं में थे
तुम थे मिले या मिली मंज़िलें
तुम थे के था जादू भरा कोई समां
दो पल रुका...

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शनिवार, 24 नवंबर 2012

तेरे लिए - Tere Liye (Veer Zaara, Lata Mangeshkar, Roop Kumar Rathod)



Movie/Album: वीर ज़ारा (2004)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: लता मंगेशकर, रूप कुमार राठोड़

तेरे लिए, हम हैं जिये, होठों को सीये
तेरे लिए, हम हैं जिये, हर आँसू पिये
दिल में मगर, जलते रहे, चाहत के दीये
तेरे लिए, तेरे लिए

ज़िंदगी, ले के आई है
बीते दिनों की किताब
घेरे हैं, अब हमें
यादें बे-हिसाब
बिन पूछे, मिले मुझे
कितने सारे जवाब
चाहा था क्या, पाया है क्या
हमने देखिए
दिल में मगर...

क्या कहूँ, दुनिया ने किया
मुझसे कैसा बैर
हुकुम था, मैं जियूं
लेकिन तेरे बगैर
नादां हैं वो, कहते हैं जो
मेरे लिए तुम हो गैर
कितने सितम, हम पे सनम
लोगों ने किए
दिल में मगर...

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सोमवार, 15 अगस्त 2011

ऐसा देस है मेरा - Aisa Des Hai Mera (Veer Zaara)



Movie/Album: वीर ज़ारा (2004)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: उदित नारायण, लता मंगेशकर, गुरुदास मन, पृथा मजुमदार

अंबर हेठाँ धरती वसदी, एथे हर रुत हँसदी
किन्ना सोणा देस है मेरा

धरती सुनहरी अंबर नीला
हर मौसम रंगीला
ऐसा देस है मेरा
बोले पपीहा कोयल गाये
सावन घिर घिर आये
ऐसा देस है मेरा

गेंहू के खेतों में कंघी जो करे हवाएं
रंग-बिरंगी कितनी चुनरियाँ उड़-उड़ जाएं
पनघट पर पनहारन जब गगरी भरने आये
मधुर-मधुर तानों में कहीं बंसी कोई बजाए, लो सुन लो
क़दम-क़दम पे है मिल जानी कोई प्रेम कहानी
ऐसा देस है मेरा...

बाप के कंधे चढ़ के जहाँ बच्चे देखे मेले
मेलों में नट के तमाशे, कुल्फ़ी के चाट के ठेले
कहीं मिलती मीठी गोली, कहीं चूरन की है पुड़िया
भोले-भोले बच्चे हैं, जैसे गुड्डे और गुड़िया
और इनको रोज़ सुनाये दादी नानी इक परियों की कहानी
ऐसा देस है मेरा...

मेरे देस में मेहमानों को भगवान कहा जाता है
वो यहीं का हो जाता है, जो कहीं से भी आता है

तेरे देस को मैंने देखा, तेरे देस को मैंने जाना
जाने क्यूँ ये लगता है, मुझको जाना पहचाना
यहाँ भी वही शाम है, वही सवेरा
ऐसा ही देस है मेरा जैसा देस है तेरा

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