सोमवार, 1 नवंबर 2010

यारा मौला - Yaara Maula (Rahul Ram, Ashim Chakraborty)



Movie/Album : गुलाल (2009)
Music By : पियूष मिश्रा
Lyrics By : पियूष मिश्रा
Performed By : राहुल राम, अशीम चक्रबर्ती

यारा मौला
हाँ-हाँ यादों में है अब भी
क्या सुरीला वो जहाँ था
हमारे हाथों में रंगीन गुब्बारे थे
और दिल में महकता समां था
यारा मौला

वो तो ख्वाबों की थी दुनिया
वो किताबों की थी दुनिया
सांस में थे मचलते हुए ज़लज़ले
आंख में वो सुहाना नशा था
यारा मौला

वो ज़मीं थी, आसमां था
हम को लेकिन क्या पता था
हम खड़े थे जहाँ पर
उसी के किनारे पे गहरा सा अँधा कुआँ था
यारा मौला

फिर वो आये भीड़ बनकर,
हाथ में थे उनके खंजर,
बोले फेंको ये किताबें
और सम्भालों ये सलाखें
ये जो गहरा सा कुआँ है
हाँ-हाँ अँधा तो नहीं है
इस कुँए में है खज़ाना
कल की दुनिया तो यहीं है
कूद जाओ लेके खंजर
काट डालो जो हो अन्दर
तुम ही कल के हो शिवाजी
तुम ही कल के हो सिकंदर

हमने वो ही किया जो उन्होंने कहा
क्यूंकि उनकी तो ख्वाहिश यही थी
हम नहीं जानते ये भी क्यूँ ये किया
क्यूंकि उनकी फरमाइश यही थी
अब हमारे लगा ज़ायका खून का
अब बताओ करें तो करें क्या
नहीं है कोई जो हमें कुछ बताये
बताओ करें तो करें क्या...
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