मंगलवार, 15 जुलाई 2008

छोडो कल की बातें(ल्य्रिक्स)-इन्देपेंदेंस डे स्पेशल



छोडो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी - २
आज पुरानी जंजीरों को तोड़ चुके हैं
क्या देखे उस मंजिल को जो छोड़ चुके हैं
चाँद के डर पे जा पहुँचा है आज ज़माना
नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं
नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी
छोडो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
आओ म्हणत को अपना ईमान बनाए
अपने हाथों को अपना भगवान् बनाए
राम की इस धरती को गौतम की भूमि को
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाए
नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी
छोडो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
हर ज़र्रा है मोटी, आँख उठाकर देखो
माती में सोना है, हाथ बढाकर देखो
सोने की यह गंगा है, चांदी की यमुना
चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो
नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
छोडो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी - २
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