सोमवार, 7 मार्च 2011

ज़िंदगी फूलों की नहीं, फूलों की तरह महकी रहे



Singer: Bhupinder

ज़िंदगी फूलों की नहीं, फूलों की तरह महकी रहे
ज़िंदगी भूलों की नहीं, फूलों की तरह महकी रहे

जब कोई कहीं गुल खिलता है, आवाज़ नहीं आती लेकिन
ख़ुशबू की खबर आ जाती है, ख़ुशबू महकी रहे

जब राह कहीं कोई मुड़ती है, मंज़िल का पता तो होता नहीं
इक राह पे राह मिल जाती है, राहें मुड़ती रहें



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