Music By : प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By : कुमार, सईद कादरी
Performed By : नीरज श्रीधर
ख़्वाबों बिना, निगाहें मेरी जी रहीं थी
कोई नहीं था ये अकेली मेरी थी ज़िन्दगी
खामोश था, होंठों पे बातें नहीं थी
कोई नहीं था ये अकेली मेरी थी ज़िन्दगी
तुम मिले तो मिल गया ये जहां
तुम मिले तो हर पल है नया
तुम मिले तो सबसे है फासला
तुम मिले तो महकी बारिशें
तुम मिले तो जागी ख्वाहिशें
तुम मिले तो रंगों का है सिलसिला
तुम मिले तो जादू छा गया
तुम मिले तो जीना आ गया
तुम मिले तो मैंने पाया है खुदा
पलकें मूंदें चाहत मेरी सो रही थी
खुशबू हवाओं में थी मैंने नहीं महसूस की
जाने कहाँ बहारें मेरी खिल रही थी
खुशबू हवाओं में थी मैंने नहीं महसूस की
तुम मिले...
तुने दुआएं सुनी दिल की सदाएं सुनी
तुझसे मैं मांगू और क्या
तुझ बिन अधुरा हूँ मैं, तेरे संग पूरा हूँ मैं
करता हूँ तेरा शुक्रिया
कैसे कहूँ लम्हें मुझे छू रहे हैं
ऐसा लगा है इनमें तेरा ही तो एहसास है
कैसे कहूं दिल में नयी आहटें हैं
तुम मिले...
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