रविवार, 14 नवंबर 2010

इक बंजारा गाए जीवन के गीत सुनाए



Singer: Mohd. Rafi

इक बंजारा गाए जीवन के गीत सुनाए
हम सब जीने वालों को जीने की राह बताए

ज़माने वालों किताब-ए-ग़म में ख़ुशी का कोई फ़साना ढूँढो
अगर जीना है ज़माने में तो हँसी का कोई बहाना ढूँढो
हो, आँखों में आँसू भी आए तो आकर मुस्काए

सभी का देखो नहीं होता है नसीबा रौशन सितारों जैसा
सयाना वो है जो पतझड़ में भी सजा ले गुलशन बहारों जैसा
हो, काग़ज़ के फूलों को भी जो महका कर दिखलाए


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