रविवार, 14 नवंबर 2010

भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएं



Singer: Mohd. Rafi

भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएं
मुहब्बत हो गई जिनको वो दीवाने कहाँ जाएं

लगे हैं शम्मा पर पहरे ज़माने की निगाहों के
जिन्हें जलने की हसरत है वो परवाने कहाँ जाएं

सुनाना भी जिन्हें मुश्किल छुपाना भी जिन्हें मुश्किल
ज़रा तू ही बता ऐ दिल वो अफ़साने कहाँ जाएं

नज़र में उलझनें दिल में है आलम बेक़रारी का
समझ में कुछ नहीं आता सुक़ूँ पाने कहाँ जाएं



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