Singer: Mohd. Rafi
साथी न कोई मंज़िल
दिया है न कोई महफ़िल
चला मुझे लेके ऐ दिल, अकेला कहाँ
हमदम कोई मिले कहीं
ऐसे नसीब ही नहीं
बेदर्द है ज़मीं दूर आसमाँ
गलियाँ हैं अपने देस की
फिर भी हैं जैसे अजनबी
किसको कहे कोई अपना यहाँ
पत्थर के आशना मिले
पत्थर के देवता मिले
शीशे का दिल लिये, जाऊँ कहाँ
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