Singer: Mahendra Kapoor
उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम
जिधर भी देखूँ मैं
अंधकार! अंधकार!
अंधेरे में जो बैठे हैं, नज़र उन पर भी कुछ डालो
अरे ओ रोशनी वालों
बुरे इतने नहीं हैं हम, ज़रा देखो हमें भालो
अरे ओ रोशनी वालों
क़फ़न से ढाँक कर बैठे, हैं हम सपनों की लाशों को
जो क़िस्मत ने दिखाए, देखते हैं उन तमाशों को
हमें नफ़रत से मत देखो, ज़रा हम पर रहम खा लो
अरे ओ रोशनी वालों
हमारे भी थे कुछ साथी, हमारे भी थे कुछ सपने
सभी वो राह में छूटे, वो सब रूठे, जो थे अपने
जो रोते हैं कई दिन से, ज़रा उनको भी समझा लो
अरे ओ रोशनी वालों
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