Singer: Mohd. Rafi
ख़ुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा
मुसव्विर ख़ुद परेशान है कि ये तस्वीर किसकी है
बनोगी जिसकी तुम ऐसी हसीं तक़दीर किसकी है
कभी वो जल रहा होगा, कभी ख़ुश हो रहा होगा
ज़माने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है
कली से जिस्म को कितनी बहारों में लपेटा है
हुआ तुमसा कोई पहले न कोई दूसरा होगा
फ़रिश्ते भी यहाँ रातों को आकर घूमते होंगे
जहाँ रखती हो तुम पाँव, जगह वो चूमते होंगे
किसी के दिल पे क्या गुज़री, ये वो ही जानता होगा
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