रविवार, 2 जनवरी 2011

बीते हुए लमहों की कसक साथ तो होगी



Singer: Mahendra Kapoor

अभी अलविदा मत कहो दोस्तों
न जाने कहाँ फिर मुलाक़ात हो, क्योंकि

बीते हुए लमहों की कसक साथ तो होगी
ख़्वाबों में ही हो चाहे मुलाक़ात तो होगी

ये प्यार में डूबी हुई रंगीन फ़ज़ाएं
ये चहरे ये नज़रें ये जवाँ रुत ये हवाएं
हम जाएं कहीं इनकी महक साथ तो होगी

फूलों की तरह दिल में बसाए हुए रखना
यादों के चिराग़ों को जलाए हुए रखना
लंबा है सफ़र इस में कहीं रात तो होगी

ये साथ गुज़ारे हुए लमहात की दौलत
जज़्बात की दौलत ये ख़यालात की दौलत
कुछ पास न हो पास ये सौगात तो होगी



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