Movie/Album: खामोशी - द म्यूज़िकल (1996)
Music By: जतिन-ललित
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: अलका याग्निक, हरिहरन
बाहों के दरमियाँ, दो प्यार मिल रहे है
जाने क्या बोले मन, डोले सुनके बदन
धड़कन बनी ज़ुबां
खुलते बंद होते, लबों की ये अनकही
मुझसे कह रही हैं के बढ़ने दे बेखुदी
मिल यूँ के दौड़ जाएँ, नस नस में बिजलियाँ
बाहों के दरमियाँ...
आसमां को भी ये, हसीं राज है पसंद
उलझी उलझी साँसों की, आवाज है पसंद
मोती लूटा रही है, सावन की बदलियाँ
बाहों के दरमियाँ...
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Music By: जतिन-ललित
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: अलका याग्निक, हरिहरन
बाहों के दरमियाँ, दो प्यार मिल रहे है
जाने क्या बोले मन, डोले सुनके बदन
धड़कन बनी ज़ुबां
खुलते बंद होते, लबों की ये अनकही
मुझसे कह रही हैं के बढ़ने दे बेखुदी
मिल यूँ के दौड़ जाएँ, नस नस में बिजलियाँ
बाहों के दरमियाँ...
आसमां को भी ये, हसीं राज है पसंद
उलझी उलझी साँसों की, आवाज है पसंद
मोती लूटा रही है, सावन की बदलियाँ
बाहों के दरमियाँ...